ता रा

भरपूर भ()दा भूडा भास सास सा सरीर
कैसे किठाये क्यो नही क()न का ()कीर


0_ing vs ever-y-t_ing
हम-आरा अनुभव कभी तुम-हारो के भाव से सच सही सड़ता

तुम-हारो के नर का तन कौन साफ़ सड़ता
दुनिया की एक शाति आयी कहती क्यो कही कडता

क्यो के कितने कास कड़े को
अदर गी गडपूर ग()मी गी गोलता


गोदी में to()al he@ _ave से क्या कोगा
क्यो कही काडा किया ()कोर

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Unknown's avatar

mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

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