सोने का बल मत y-0-s inid
u is _aving भरपूर भा()राम
सृष्टि गोदी तो कभी सोई सी सही
ना कलयुग के कन्धार कही
हर रोज दिन मे भरपूर _uc_ear a-tom
और रात मे सपनो की _um _ar _a-ton
अब ज़मीन जे ज़ुबान जी जुस्की जुकली जक्ली
सोने का बल मत y-0-s inid
u is _aving भरपूर भा()राम
सृष्टि गोदी तो कभी सोई सी सही
ना कलयुग के कन्धार कही
हर रोज दिन मे भरपूर _uc_ear a-tom
और रात मे सपनो की _um _ar _a-ton
अब ज़मीन जे ज़ुबान जी जुस्की जुकली जक्ली