ब्रह्माण्ड की आँखों ने देखा ज़मीन का भरपूर लेखा
जान्दरी ज़मीन जुड़े जिन्द्रियो जा जेखा
खू()ली ज़मीन खुला आसमान खेखा
भरपूर भुलेखा भूला भात भात -खा
ब्रह्माण्ड की आँखों ने देखा ज़मीन का भरपूर लेखा
जान्दरी ज़मीन जुड़े जिन्द्रियो जा जेखा
खू()ली ज़मीन खुला आसमान खेखा
भरपूर भुलेखा भूला भात भात -खा