धान का साव नहीं विराजमान
पानी को सुनाए इम्तिहान
तेरी चुगलियो में नही मचान
ऊची बोले चाल ची चुबान
—
तिकोने कोने कान के बौने
सुनाए धीरे अंदर के मौने
मेल छुड़ाए सर के सोने
धान का साव नहीं विराजमान
पानी को सुनाए इम्तिहान
तेरी चुगलियो में नही मचान
ऊची बोले चाल ची चुबान
—
तिकोने कोने कान के बौने
सुनाए धीरे अंदर के मौने
मेल छुड़ाए सर के सोने