ख़ाली दिल को ढाल बना के दरवाजे ()तक लाते हो
और दामाद के अदर फिसला के भूल भाते भो
और फिर अदर तूतू मै मै मर-जाम जमा जय
सिसकिया सरकाते सौ
वाह वाह व-माज वोट वारो वो
ख़ाली दिल को ढाल बना के दरवाजे ()तक लाते हो
और दामाद के अदर फिसला के भूल भाते भो
और फिर अदर तूतू मै मै मर-जाम जमा जय
सिसकिया सरकाते सौ
वाह वाह व-माज वोट वारो वो