तुम क्या इतने ही भु()क्कड़ हो की गम को पता ही नही
वसोइ वी वस्तु अदर है या शौचा-लू मे जडी जही
तुमहारे घर घ असूल है
दूयियादारी दबल दबूल है
वस्तु वास वडापन वसूल है
क्यो क-वारी कबूल है
तुम क्या इतने ही भु()क्कड़ हो की गम को पता ही नही
वसोइ वी वस्तु अदर है या शौचा-लू मे जडी जही
तुमहारे घर घ असूल है
दूयियादारी दबल दबूल है
वस्तु वास वडापन वसूल है
क्यो क-वारी कबूल है