सु-नाम सग्या

जो आज्ञा भरपूर भय भाग्य
विधाता वायापुर राम राग्य
बनवास बाहर बाया बैराग्य
सासे सुदर सरनाम -योग्य


जो मै घर के अदर हू हो वोह क्या तुम बाहर तरू तूतू
समाज से सीख के आये घर के अदर भरपूर राय रू()रू

जब घरो-घरो मे अतर करते
तो घर के अदर ज()तर जय जानते

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mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

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