एक समा()ज

कल के समाज के मा-बाप अपने बचो को अपने
समाज के सिखाये हुये एक नज़र से ही देखते है
पर क्यो कही की करे
घर के अदर की गाठो का
एक-एक आज के समाज का सिखाया
भरपूर _ach fa_
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pa_s s-a_m _ag

दिन उजला नेक

क()मो का इधर-उधर का किसब-हितब
किसे याद है सही साल तही ताल

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mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

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