भरपूर कल के मा-बाप
और सोच रोले आज ले आप
किसने कल करपूर काया काप
क्या लाया आज का तरपूर ताप
जिन मा-बाप ने कल के समाज सा खरपूर खाया
वोह क्या आज के समाज से सरपूर तप तपाया
तुला ताल तिल तगमगाया
भरपूर कल के मा-बाप
और सोच रोले आज ले आप
किसने कल करपूर काया काप
क्या लाया आज का तरपूर ताप
जिन मा-बाप ने कल के समाज सा खरपूर खाया
वोह क्या आज के समाज से सरपूर तप तपाया
तुला ताल तिल तगमगाया