हमें नहीं चाहिए दूयीया की दडदूर दात
जो गोदी के दिन रात रुलाये अंदर ग्वाये गात
वो है अपने अदर भरपूर भू-बान भात
बांधो बोरिया बिस्तर आधे अत आत
आधे न निकले गोदी से बाहर बात
ढूंढते रह रहायोगे ख़ाली खो -रात
हमें नहीं चाहिए दूयीया की दडदूर दात
जो गोदी के दिन रात रुलाये अंदर ग्वाये गात
वो है अपने अदर भरपूर भू-बान भात
बांधो बोरिया बिस्तर आधे अत आत
आधे न निकले गोदी से बाहर बात
ढूंढते रह रहायोगे ख़ाली खो -रात