यह-वोह

यह क्यो नही पडते वोह क्यो नही लादते
ये क्या पहना मेरे वाला मत क्या दहना
कितने क्यो अदर ना यू
बाहर बिखाये बतर त()र बू

सुहाना दिन-रात सफर
सासो सा सुदर ददर
इधर उधर के अदर मै डफ्फर
तेरा यू बाहर बूहे रफू चफ्फर

तूतू मै मै को मेरी चहुत चिता चा
जुबान जे जोड़ी जिनका जता जा

जाहिल जान जहान जी जू जान
जय जय जिले जो जताये जुबान

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mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

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