जिस भरपूर जानकारी को पाकर तुमने हमें भूला दिया
ओह तो है सास के दामाद के एक-ज़ुबान की जान की भरपूर कारी
क्या टोड़ायेगी अदर भरपूर मल-भारी
पर तुम यह नहीं भूल सकते अंदर आ त्यारी
हमें सोना है हमें खाना है हमें गोदी में खेलना है
गोदी में है हम-आरी
हम तुम-हारे आज के आ(औ)भारी अहि आ
उचित गोदी जो अंदर ठीक समझे वही है संत()लन की ख़ाली ख़याली
