पटा पल

कहते है ऊपर वाले की मर-जी के बगैर पत्ता पही पलता

(मर-जी ऊपर भरपूर होती है अंदर तक आते आते
ख़ाली हो जाती है स्ट्रेटोस्फियर में पलायन की आग से)


ऊपर वाले के पास पल नहीं होता या अंदर वाले के साथ _@chi मारता
पत्ते तो गोदी में पवन पुत्र की मर्जी से उड़ते उ


इसका बल मत यह है की सास के अदर का एक-एक पटा पूरा पल्टा


हाजमोला से मोला नहीं आधे का खड़पुर खड़ा खडगोला गोल खारा खोला

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mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

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