भरपूर घर का अन्न इधर उधर भरपूर रुला रहता है
भरपूर घर के कचरे का ढक्कन भी खुला रहता है
उससे भरपूर घर का भगवन भी भरपूर धुला रहता है
कोई क्या करे गोदो मे भरपूर घर ही भरपूर जला रहता है
भरपूर घर का अन्न इधर उधर भरपूर रुला रहता है
भरपूर घर के कचरे का ढक्कन भी खुला रहता है
उससे भरपूर घर का भगवन भी भरपूर धुला रहता है
कोई क्या करे गोदो मे भरपूर घर ही भरपूर जला रहता है