असली ल(प)ढ़ाई तो अब होगी
आधे सांप और भरपूर निवाले की
भरपूर शरीरो तो गिरा पड़ा है
अदर की बीमा(या)रियो के मर-दो
की लाठी से
लेकिन भरपूर ज़ुबान की जवानी
तो कायम रहेगी
ख़ाली माँ को ललकारो भरपूर भरो
तथा(अ) स्तु
आधे आम
हांजी
असली ल(प)ढ़ाई तो अब होगी
आधे सांप और भरपूर निवाले की
भरपूर शरीरो तो गिरा पड़ा है
अदर की बीमा(या)रियो के मर-दो
की लाठी से
लेकिन भरपूर ज़ुबान की जवानी
तो कायम रहेगी
ख़ाली माँ को ललकारो भरपूर भरो
तथा(अ) स्तु
आधे आम
हांजी