काल कनुकान

घर के अदर तो मरे हुये शरीर को रखते है
बाहर तो आत्मा को भी कोई नहीं मार मुक्ता


सास तो अपने निर्धारित नमय ने नई नाल नही

इसका अनुमान कोई भी नही लगा सकता
अदर-बाहर

अब अपने नरपूर नाम नदलो

Published by

Unknown's avatar

mandalalit

to be a within 0-one-0 is to breathe for gut alone total mother nature

Leave a comment