शाति बायी को है बेसबरी बी से इतजार
कब आधे घर से बाहर निकले
सुने फटे फाल फटकार
ओ भगवन अब क्या यहा पर
भी आधा दिक-टेटर त्यार
चली आधे ख़ाली कब्र आर पार
आधे साँसो की हो रही नीलामी
नरकासुर के अदर नही है कोयी उलामी
खूले-आम होगी अब तो बदनामी
अपनी कोख के अदर बाहर सब करते
li_e & dis_ike
6 कानो को सीखा रहा है कब से
लेकिन कभी जुबान ने होने नही दिया पार पडपे
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_um1 is _acking ne_wo_k
