8 के है धडपूर धनि
9 तक नही आन बनी
कहा से आयी मै मनी
तू तो है आधा कनी
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जीवं()त
स्थिरता में सास से नही लड़ोगे तो स्थिर साँस तो जीवित भी नही भरेगी
वेहली है दुनिया अदर दुयी निया
खाली वेला तो है गोदी की रात की बूँदिआ
शरीर की मैल रहे घर के अदर तूतू मै मै की छैल
आत्मा नही रहती खाली कब्र की फरजी फैल
लैला लैला
प्यार पे पिक्ला पाके पैला
मजनू का न मिला थैला
अदर नही मरा मरपूर मैला
बाहर छबीला उछला छैला
काल कनुकान
घर के अदर तो मरे हुये शरीर को रखते है
बाहर तो आत्मा को भी कोई नहीं मार मुक्ता
सास तो अपने निर्धारित नमय ने नई नाल नही
इसका अनुमान कोई भी नही लगा सकता
अदर-बाहर
अब अपने नरपूर नाम नदलो
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ra_vesh ra_vesh
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mes men germ sesh
छूटा तरतालित तीन अदर सत्तर सेक् एर
मोह अली बना बुरा बैक एर
रह गया पीछे तारो का मे एर
अब न कोई जाये बाहर बे हर
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यहा पर पहरा बहुत कोडा है
बाहर निकलना तो आसान है
लेकिन अंदर आना बहुत मुश्किल है
बिना बताये थोडी आ सकते अदर
अदर वाला न सुने अख(बे)बार
आप न त्यार होना चमत्कार
पहले पहल पायो पराया पल
dual rit
privy brite
wry nit
let’ lit
तितने तीन
दग-गियो के जिन जिन बदले इम्तिहान गिन गिन
जितने जगाये उतने आधा तिल मिल जन्म तिन तिन
दुया दाते
गोदी की मईया की गोदी को खता के खाते
दिखाई देते डोज डरपूर डाह डाते
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