बत्तियायो

दूयीया का स्मा(दा)ज ही मा-बाप बहिन-भायी
और बच्चो के मरने की धमलिया धारता
तुम्हे तो

गोदी के अंदर

यह सब कुछ अछा आता आ

हमारे बचे क्या तुम्हारे कहने पर ही मा—रेगे

उ()फ उया किया

जब घर की जिदा लाशो की सफाई नही इतनीअदर प्यारी

तो हस-पताल मे क्या भरती मुरदा शरीरो की शायरी

hi बीमा(या)री hi बीमारी hi बीमा(या)री

आना तो है यही बू-ढा शरीर भारी

और जवान है नर की जू-बान अदर उडारी